ज़ारा गौर फरमाइये!
दिलबर के हमने प्यार से जो बूब दबा दिए;
भैन कि लौड़ी ने लात मार के हमारे गोटॆ सुजा दिए!
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लंड कि आवाज़ को दमदार कहते हैं;
फटी चूत को बेकार कहते हैं;
सिर्फ छोड़ने का नाम मोहब्बत नहीं होता;
किसी कि यादों में मुट्ठ मारने को भी प्यार कहते हैं!
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उनकी आँखों में आंसू और चेहरे पर हसी है;
वाह वाह! वाह वाह!
उनकी आँखों में आंसू और चेहरे पर हसी है;
ऐसा लगता है कि उनकी लुल्ली ज़िप में फसी है!
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चाँद देखकर सितारे बने;
आसमान देखकर बादल बने;
नदी देखकर किनारे बने;
आपके कारनामे देखकर निरोध के कारखाने बने!
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आज उसका दिल फिर दुखा दिया हमने;
अपने प्यार का क़र्ज़ चूका दिया हमने;
देकर लालच उससे कुल्फी का;
अँधेरे में अपना उस्ताद चूसा दिया हमने!
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