Friday, 24 June 2016

whatsapp nonveg shayari 18+ collection

रोये हम इस कदर उनके सीने से लिपट कर;

वाह वाह!

रोये हम इस कदर उनके सीने से लिपट कर;

कि वोह खुद अपनी कमीज़ उतारकर बोली;

ले चूस ले कमीने, फालतू में नाटक मत कर!

😝😝😝😝😝😝

दिल तोड़ने कि सजा नहीं मिलती;

दिल टूटने कि वजह नहीं मिलती;

माल तो बहुत फस जाते हैं, मेरे दोस्त;

बस उन्हे ठोकने कि जगह नहीं मिलती!

😝😝😝😝😝😝

उनकी गली से गुज़रे, तो चौबारा नज़र आया;

उनकी गली से गुज़रे, तो चौबारा नज़र आया;

उसकी माँ बाहर आ कर बोली:

गांड फाड़ दूंगी भोसड़ी के, जो दोबारा नज़र आया!

😝😝😝😝😝😝

निप्पल से टपक रहा है पसीना;

निप्पल से टपक रहा है पसीना;

भीगी हुई गांड और लथपथ सीना;

अब तुम्ही बताओ ग़ालिब;

इतनी गर्मी में कोई कैसे ठोके हसीना!

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