रोये हम इस कदर उनके सीने से लिपट कर;
वाह वाह!
रोये हम इस कदर उनके सीने से लिपट कर;
कि वोह खुद अपनी कमीज़ उतारकर बोली;
ले चूस ले कमीने, फालतू में नाटक मत कर!
😝😝😝😝😝😝
दिल तोड़ने कि सजा नहीं मिलती;
दिल टूटने कि वजह नहीं मिलती;
माल तो बहुत फस जाते हैं, मेरे दोस्त;
बस उन्हे ठोकने कि जगह नहीं मिलती!
😝😝😝😝😝😝
उनकी गली से गुज़रे, तो चौबारा नज़र आया;
उनकी गली से गुज़रे, तो चौबारा नज़र आया;
उसकी माँ बाहर आ कर बोली:
गांड फाड़ दूंगी भोसड़ी के, जो दोबारा नज़र आया!
😝😝😝😝😝😝
निप्पल से टपक रहा है पसीना;
निप्पल से टपक रहा है पसीना;
भीगी हुई गांड और लथपथ सीना;
अब तुम्ही बताओ ग़ालिब;
इतनी गर्मी में कोई कैसे ठोके हसीना!
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