गोधू का ब्या था,
माहरे भी च्या था।
गोधू के साथी थे
तो हम्म भी बाराती थे।
यार की बारात म जा रे थे,
लक्स लगा कै नहा रे थे
बस भी पुराणी थी, एक आँख
कि काणी थी।
डगमग-डगमग करके चाले थी, जणु
बुढिया सी हाले
थी।
टैर भी पुराणे थे, पर हमने के खाणे थे।
बैंड बाजे बाजै थे,
हम उछल-2 कै नाचै थे!
ब्या का जोश था ,
हमनै के होश था?
गांव के बीच मै,
गाडी फंस गी कीच मै
उडे एक छोरी का मामा था,
वो पुराणा पजामां था।
वो इतना मोटा था,
जणु गाँव का झोटा था।
गोधू के साथ आ रे थे
तो गाडी कै धक्के ला रे थे
गोधू कि साली थी
तव्वा तै भी काली थी
पर हमनै के ब्याहनी थी
फेरा पै बैठ गे थे
जूतीयां के नेग पै अैंठ गे थे
फेर देख्या थापे मारण आलीए
न्यु देख के हम तो भाज लिये, जुतेजाते
गोज्या म
घाल लिये।
गोधू कि शादी थी, फेर भाजण म के
खराबी थी।
और हम के गोधू के भाती थे, हम तो उसके
बराती थे।"
ईब थापे मारण आली चोगरदे फिरगी,
कब्ड्डी की रैड सी भरगी
पर अंधेरे मै इक गलती करगी,
एक थापा गोधू कै भी धरगी।
गोधू कै थापा ईसा जचाया
गोधू घर पक सुबकता आया
विदाई जब हो री थी
सारी लूगाई रो री थी
गोधू भी रोवै था
क्यूकी थापे में दर्द हौव था
घर पहुच गे होल्या-२,
गोधू अपनी बहू तै बोल्या;
ये पकडे दो कान,
आगे तै ब्याह ना कराऊं मेरी भाण।
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